Monday, March 15, 2021
चोंच लड़ियाँ / शैलेंद्र सिंह सोढ़ी
सोणी सोणी सी मोहब्बत ने करया है तंग
हये कुडी तेरी सोहबत ने करया है तंग
रंगीन फिलम जैसे दिखते है रंग
भंगड़ा जी पाये है मेरी उमंग
सतलुज में एक, समुन्दर, नाचे, नाचे
अम्बरसर और जलंधर, नाचे, नाचे
रंगरलियाँ.. हो गईयाँ..
रंगरलियाँ.. हो गईयाँ..
तेरी मेरी मेरी तेरी चोंच लड़ियाँ
उड़ी उड़ी मै उड़ी उड़ी मै
जैसे पतंग
हैगा हैगा हैगा मेरे
उत्ते इशके दा रंग
मेरे मन विच हये हये तन विच
तुम्बी सी बाजे..
संयों नी संयों मै होयी मलंग
अखिंयों से अखियों की मीठी सी जंग
याद तेरी विच हिच विच हिच विच
हिचकी सी लागे
सोणी सोणी सी मोहब्बत ने करया है तंग
हये कुडी तेरी सोहबत ने करया है तंग
रंगीन फिलम जैसे दिखते है रंग
भंगड़ा जी पाये है मेरी उमंग
पोरुस दे विच सिकन्दर, नाचे, नाचे
अप्रैल मई विच दिसम्बर, नाचे, नाचे
रंगरलियाँ, हाये हो गईयाँ
रंगरलियाँ, हाये हो गईयाँ
तेरी मेरी मेरी तेरी चोंच लड़ियाँ
सुण सुण सुण सुण कुड़िये होया मै दंग
बस ऐद्धाँ बस ऐद्धाँ रेहणा अंग संग
तेरे उत्तों हये हये उत्तों ऐ जग वाराँ
इक तू ही इक तू ही मैनू पसंद
प्रीत दी खुशबू ना हो जाये मंद
मेरी जिद है तेरी मेरी जिद ऐ हँस के गुजांराँ
सोणी सोणी सी मोहब्बत ने करया है तंग
मुड्या तेरी सोहबत ने करया है तंग
रंगीन फिलम जैसे दिखते है रंग
गिद्दा जी पाये है मेरी उमंग
जिस वल विक्खाँ, कलन्दर, नाचे, नाचे
बंदे अन्दर पैगम्बर, नाचे, नाचे
रंगरलियाँ.. हो गईयाँ.. हाँ
रंगरलियाँ.. हो गईयाँ..
तेरी मेरी मेरी तेरी चोंच लड़ियाँ
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