Saturday, July 18, 2020

जब ये शब्द भी भोथरे हो जाएंगे / गिरधर राठी

चोर को कहा चोर
वह डरा
थोड़े दिन
डरा क्योंकि उस को पहचान लिया गया था

चोर को कहा चोर
वह ख़ुश हुआ
बहुत दिनों तक रहा ख़ुश
क्योंकि उसे पहचान लिया गया था

फिर छा गया डर
क्योंकि चोर आख़िर चोर था
बोलने वालों के हाथ सिर्फ़ हाथ थे
हाथ भी नहीं केवल मुँह थे
मुँह ही नहीं केवल शब्द थे
शब्द भी नहीं
केवल शोर...

चोर! चोर!!

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