Monday, May 11, 2020

नाम अदा लिखना / गुलज़ार

पूछे जो कोई मेरी निशानी, रंग हिना लिखना
गोरे बदन पे ऊँगली से मेरा नाम अदा लिखना
कभी कभी आस पास चाँद रहता है
कभी कभी आस पास शाम रहती है

आओ ना आओ ना झेलम में बह लेंगे
वादी के मौसम भी इक दिन तो बदलेंगे
कभी कभी आस पास चाँद रहता है
कभी कभी आस पास शाम रहती है

आऊं तो सुबह, जाऊं तो मेरा नाम सबा लिखना
बर्फ पड़े तो बर्फ पे मेरा नाम दुआ लिखना
ज़रा ज़रा आग-वाग पास रहती है
ज़रा ज़रा कांगड़ी की आंच रहती है
कभी कभी आस पास चाँद रहता है
कभी कभी आस पास शाम रहती है

शामें बुझाने आती हैं रातें
रातें बुझाने तुम आ गए हो

जब तुम हँसते हो दिन हो जाता है
तुम गले लगो तो दिन सो जाता है
डोली उठाये आएगा दिन तो पास बिठा लेना
कल जो मिले तो माथे पे मेरे सूरज ऊगा देना
ज़रा ज़रा आस पास धूप रहेगी
ज़रा ज़रा आस पास रंग रहेंगे

पूछे जो कोई मेरी निशानी, रंग हिना लिखना
गोरे बदन पे ऊँगली से मेरा नाम अदा लिखना..

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