Tuesday, October 29, 2019

मैंनू तेरा शबाब लै बैठा / शिव कुमार बटालवी

मैंनू तेरा शबाब लै बैठा,
रंग गोरा गुलाब लै बैठा।

दिल दा डर सी किते ना लै बैठे,
लै ही बैठा जनाब लै बैठा।

वेहल जद वी मिली है फ़रज़ां तों,
तेरे मुक्ख दी किताब लै बैठा।

किन्नी पीती ते, किन्नी बाकी है,
मैंनू एहो हिसाब ले बैठा।

मैंनू जद वी तूसी तो याद आये,
दिन दिहाड़े शराब ले बैठा।

चन्गा हुन्दा सवाल ना करदा,
मैंनू तेरा जवाब ले बैठा।

शिव नूं इक गम ते ही भरोसा सी,
गम तों कोरा जवाब लै बैठा।

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