Monday, June 24, 2019

औकात / सिद्धांत कौशल

दर्दनाक धाक की
बदल दे तू ख़ुराक रे
मज़ाक जो उड़ाएगा
चमाट दे फ़टाक से
डर नहीं तो घिस गई
जो तेरी तीखी नाक ये
मांग बस खुदा से
हौंसले की एक शबाक रे
चीटियों की नस्ल पे ध्यान दे ज़रा
जो रो के ना उठाती दाना चीनी का
औकात को बदल दे
दिन है सात वो बदल दे
तेरा अगला पिछला
तू बदल, ले के बदला

तू दूजे नज़रिये से देख
वो दिखेंगे दानव जो दिख रहे थे नेक
भेजे को खोल सामने तो देख
ऐसे किसी के सामने भी माथा ना टेक
देख तू ऊपर से देख तू राईट से
भाँप ले खतरा तो हर इक साइड से
सिक्के का तीसरा पहलू तो देख
मुसीबत को बोल तो घिसेंगे साइड पे
मसल ना थोड़ा अकल से देख
तू छोड़ना कसर नहीं
गाड़ मत बेइज़्जती के बीज उगेगी
गन्दी फसल ही गटर सी
जो काले उजाले में पलटी
फिर आगे ना जा के बदलती
रातों ने तुझको जो बदला
तो ले ले तो खुद का बदला
यूँ डर के बैठ के ना हक्कगला
औकात को बदल दे...

बदल दे अपनी धाक रे
दिन है सात वो बदल दे
तू बदला ले खचाक से
तेरा अगला पिछ्ला
तू ऊंची कर ले नाक ये
तू बदल ले के बदला
उसको धक्का दे धपाक से

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