Tuesday, August 28, 2018

किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार / शैलेन्द्र

किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार
किसी का दर्द मिल सके तो ले उधार
किसी के वास्ते हो तेरे दिल में प्यार
जीना इसी का नाम है
माना अपनी जेब से फ़कीर हैं
फिर भी यारों दिल के हम अमीर हैं
मिटे जो प्यार के लिए वो ज़िन्दगी
जले बहार के लिए वो ज़िंदगी
किसी को हो ना हो हमें तो ऐतबार
जीना इसी का नाम है
रिश्ता दिल से दिल के ऐतबार का
जिंदा है हमीं से नाम प्यार का
के मर के भी किसी को याद आयेंगे
किसी के आंसुओं में मुस्कुराएंगे
कहेगा फूल हर कली से बार-बार
जीना इसी का नाम है

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