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घरेलू स्त्री / ममता व्यास
जिन्दगी को ही कविता माना उसने जब जैसी, जिस रूप में मिली खूब जतन से पढ़ा, सुना और गुना... वो नहीं जानती तुम्हारी कविताओं के नियम लेकिन उ...
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चाँदनी की पाँच परतें, हर परत अज्ञात है। एक जल में एक थल में, एक नीलाकाश में। एक आँखों में तुम्हारे झिलमिलाती, एक मेरे बन रहे विश्वास...
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Chôl Chôl Chôl Urddhô gôgône baje madôl Nimne utôla dhôrôni tôl Ôrun prater tôrun dôl Chôlre Chôlre Chôl Chôl Chôl Chôl.. Ushar dua...
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The Moon will shine, Without your smile, But no longer shall it be, A Moon that shines for me, Gone are the days, When you'd just ...
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