रैन सारी.. रैन सारी.. रैन सारी.. रैन...
कभी भीगे भिगाए लड़ाए छुड़ाए से.. रहे नैन।
रैन सारी.. रैन सारी.. रैन सारी.. रैन...
कभी मीलों मिलाए से भूले भुलाए से.. रहे चैन।।
ठारे रहें, हारे रहें, वारे रहें..
हां..
सारी रैन।
झारा झारी, तारा तारी, बारा दारी..
हां..
सारी रैन।।
बदरी बदरिया घिरी रे,
कजरी कजरिया खिरी रे।
गगरी गगरिया भरी रे,
कजरी कजरिया खिरी रे।।
साजन के अंग अंग लगी रे..
साजन के रंग रंग सजी रे।
बुलबुल तरंग में बजी रे..
शनाना ना ना ना ना ना छन छन।।
सारा रा रस बरसा..
तर गया
तुर गया
मोरा रसिया।
आ सावन की सांवरी,
पिया मन बावरी
पीहू पीहारे फिरी रे..
पहली फुहार में छिली रे,
पीपल की छांव में खिली रे।
बुलबुल तरंग में बजी रे..
शनाना ना ना ना ना ना छन छन।।
सारा रा रस बरसा..
तर गया
तुर गया
मोरा रसिया।
आ सावन की सांवरी,
पिया मन बावरी
पीहू पीहारे फिरी रे..
बदरी बदरिया घिरी रे,
कजरी कजरिया खिरी रे।
गगरी गगरिया भरी रे,
कजरी कजरिया खिरी रे।।
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