दीवाना बनाना है तो, दीवाना बना दे
वरना कहीं तक़दीर, तमाशा न बना दे
ए देखनेवालों मुझे हंस हंस के न देखो
तुम को भी मोहब्बत कहीं मुझ सा न बना दे
मैं ढूँढ रहा हूँ मेरी वो शम्मा कहाँ है
जो बज़म की हर चीज़ को परवाना बना दे
आख़िर कोई सूरत भी तो हो खाना-ए-दिल की
काबा नहीं बनता है, तो बुतखाना बना दे
"बहज़ाद" हर एक जाम पे एक सजदा-ए-मस्ती
हर ज़र्रे को संग-ए-दर-ए-जानां न बना दे
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घरेलू स्त्री / ममता व्यास
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Chôl Chôl Chôl Urddhô gôgône baje madôl Nimne utôla dhôrôni tôl Ôrun prater tôrun dôl Chôlre Chôlre Chôl Chôl Chôl Chôl.. Ushar dua...
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All about the country, From earliest teens, Dark unmarried mothers, Fair game for lechers — Bosses and station hands, And in town and city...
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