मेरा मेरा छोड़ गँवारा,
सिरपर तेरे सिरजनहारा।
अपने जीव बिचारत नाहीं,
क्या ले गइला बंस तुम्हारा॥
तब मेरा कत करता नाहीं, आवत है हंकारा।
काल-चक्रसूँ खरी परी रे, बिसर गया घर-बारा॥
जाइ तहाँका संयम कीजै, बिकट पंथ गिरधारा।
दादू रे तन अपना नाहीं, तौ कैसे भयो सँसारा॥
सिरपर तेरे सिरजनहारा।
अपने जीव बिचारत नाहीं,
क्या ले गइला बंस तुम्हारा॥
तब मेरा कत करता नाहीं, आवत है हंकारा।
काल-चक्रसूँ खरी परी रे, बिसर गया घर-बारा॥
जाइ तहाँका संयम कीजै, बिकट पंथ गिरधारा।
दादू रे तन अपना नाहीं, तौ कैसे भयो सँसारा॥
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