Monday, March 8, 2021

औरत होना... / अनिता भारती

अपने सपने
अपनी जान
अपने प्राण
स्पर्श कर अपने आप को इक बार
फिर देख
औरत होना
कोई गुनाह नहीं...!

No comments:

Post a Comment