हम स्वागत गान सुनायें क्या?
ओ विप्लव गायन के गायक
स्वातन्त्र्य समर के नवनायक
जीवन के नवजीवन दायक
शब्दों से तुम्हें सजायें क्या?
हम स्वागत गान सुनायें क्या?
हम दीन हीन मन से मलीन
पाकर तुम जैसा रस प्रवीण
जग हमको कहता पराधीन
यह दुःख अपना समझायें क्या?
हम स्वागत गान सुनायें क्या?
जिस संस्था के हैं आप नूर
वह करती तुमको दूर-दूर
तब हो जाता मन चूर-चूर
हम इसका भेद बतायें क्या?
हम स्वागत गान सुनायें क्या?
हम पड़े आज पर के पाले
तुम स्वतन्त्रता के मतवाले
तुम बंगाली विषयर काले
काले पर रंग चढ़ायें क्या?
हम स्वागत गान सुनायें क्या?
(नोट - कवि द्वारा नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को समर्पित)
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