आसमान में सिर उठाकर
घने बादलों को चीरकर
रोशनी का संकल्प लें
अभी तो सूरज उगा है।
दृढ़ निश्चय के साथ चलकर
हर मुश्किल को पार कर
घोर अंधेरे को मिटाने
अभी तो सूरज उगा है।
विश्वास की लौ जलाकर
विकास का दीपक लेकर
सपनों को साकार करने
अभी तो सूरज उगा है।
न अपना न पराया
न मेरा न तेरा
सबका तेज बनकर
अभी तो सूरज उगा है।
आग को समेटते
प्रकाश को बिखेरता
चलता और चलाता
अभी तो सूरज उगा है।
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